शुक्रवार, 30 जुलाई 2010

हिन्दी विश्व चेतना की संवाहिका है- डा. करुणाशंकर उपाध्याय

हिन्दी विश्व चेतना की संवाहिका है- 
डा. करुणाशंकर उपाध्याय


के.ई.एस. श्राफ महाविद्यालय,मुंबई में हिन्दी साहित्य परिषद के उद् घाटन के अवसर पर बोलते हुए सुप्रसिद्ध समीक्षक डा. करुणाशंकर उपाध्याय ने कहा कि वतर्मान समय में हिन्दी विश्वचेतना की संवाहिका बन रही है। भारत की विकासमान अंतर्राष्ट्रीय हैसियत इसके लिए वरदान सिद्ध हो रही है। आज विश्व स्तर पर इसकी व्याप्ति की अनुभूति की जा सकती है। यह बहुराष्ट्रीय निगमों, बाजार की शक्तियाँ तथा नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत तेजी से प्रयुक्त हो रही है, भले ही इसेक पीछे इन शक्तियों की लाभ वृत्ति काम कर रही हो। इस अवसर पर बोलते हुए कलाकार अभिनेता सुरेन्द्र पाल ने छात्रों को हिन्दी के प्रित रूचि दिखाने के लिए बधाई दी तथा धारवाहिक महाभारत में आचार्य द्रोण की भूमिका के रूप में प्रस्तुत कतिपय संवादों को बोलकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्रबंध न्यासी तथा गुजराती के प्रसिद्ध साहित्यकार दिनकर जोशी ने हिन्दी साहित्य परिषद के उद् घाटन पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की, साथ ही हिन्दी को दिलों से जोडनेवाली भाषा बतलाया। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. लिली भूषण ने अतिथियों का पिरचय देते हुए स्वागत किया। कार्यक्रम का सूत्र संचालन हिन्दी विभाग के व्याख्याता.डा. वेदप्रकाश दुबे ने किया। अंत में प्रा. डा. स्वप्ना दत्ता ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के उपप्राचार्य प्रो. वी. एस. कन्नन, कला संकाय की संयोजिका प्रो. सुमिता कनौजिया, हिन्दी साहित्य परिषद की भारती यादव, हादिर्क भट्ट, सरिता बिन्द, प्रीति यादव, नरेन्द्र तिवारी, संतोष यादव, अनिल बिन्द, रीतु, शशिकला, सीमा मेहरा के अलावा महाविद्यालय के तमाम प्राध्यापक और विद्यार्थी भारी संख्या में उपस्थित थे।

हिन्दी साहित्य परिषद का उद् घाटन समारोह की झलकियाँ


के.ई.एस. श्राफ महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित हिन्दी साहित्य परिषद के उद् घाटन समारोह के अवसर हिन्दी विभाग के व्याख्याता डा.वेदप्रकाश दुबे (माइक पर) और मंच पर बाएँ से प्रो. वी.एस. कन्नन , डा.लिली भूषण (प्राचार्या), सुप्रसिद्ध अभिनेता सुरेन्द्र पाल, गुजराती के साहित्यकार दिनकर जोशी,करुणाशंकर उपाध्याय (वरिष्ठ हिन्दी समीक्षक)।




के.ई.एस. श्राफ महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित हिन्दी साहित्य परिषद के उद् घाटन समारोह के अवसर हिन्दी विभाग के व्याख्याता डा.वेदप्रकाश दुबे (माइक पर) और मंच पर (बाएँ से) प्रो.सुमिताकनौजिया (संयोजिका -कला संकाय), प्रो. वी.एस. कन्नन , डा.लिली भूषण (प्राचार्या), सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सुरेन्द्र पाल, गुजराती के साहित्यकार दिनकर जोशी,करुणाशंकर उपाध्याय (वरिष्ठ हिन्दी समीक्षक)।






                   दीप प्रज्जवलन करते हुए फिल्म अभिनेता सुरेन्द्र पाल ।


गुजराती के साहित्यकाल दिनकर जोशी दीप प्रज्जवलन करते हुए।




कला संकाय की संयोजिका प्रो.सुमिता कनौजिया दीप प्रज्जवलन करते हुए।





 हिन्दी साहित्य परिषद की महासचिव भारती यादव दीप प्रज्जवलन करते हुए।


सरस्वती वंदना प्रस्तुत करते हुए महाविद्यालय के विद्यार्थी (प्रीति व अन्य)।




सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सुरेन्द्र पाल का स्वागत करती हुई हिन्दी साहित्य 
परिषद की महासचिव भारती यादव।




सुप्रसिद्ध हिन्दी समीक्षक डा.करुणाशंकर उपाध्याय का स्वागत करते हुए 
परिषद के सचिव हादिर्क भट्ट।




गुजराती के साहित्यकार दिनकर जोशी का स्वागत करते हुए 
परिषद की उपाध्यक्ष सरिता बिन्द।




प्राचार्या डा. लिली भूषण का स्वागत करती परिषद की पदाधिकारी आफरीन खान।




कला संकाय की संयोजिका प्रो. सुमिता कनौजिया का स्वागत करते हुए 
परिषद का पदाधिकारी सुनील यादव।


प्रो. वी.एस. कन्नन का स्वागत करते हुए रीतु।





                           स्वागत भाषण करती हुए के.ई.एस. श्राफ महाविद्यालय की प्राचार्या डा. लिली भूषण।


सुप्रसिद्ध अभिनेता सुरेन्द्र पाल (माइक पर) साथ में (बाँए से) डा. लिली भूषण (प्राचार्या), प्रो. कन्नन, डा. उपाध्याय और डा. वेदप्रकाश।




हिन्दी समीक्षक करुणाशंकर उपाध्याय अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए। 
साथ में बाँए से प्रो.सुमिता और डा.लिली भूषण एवं अन्य।





प्रो.डा.स्वप्ना दत्ता आभार व्यक्त करते हुए।




उपस्थित प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी।




उपस्थित प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी।




विद्यार्थियों के साथ अभिनेता सुरेन्द्र पाल एवं अतिथि तथा प्राचार्या एवं उपप्राचार्य।